हाइड्रोसील की शिकायत एक अंडकोष या दोनों में हो सकती है। Hydrocele में अंडकोष बढ़ जाते हैं या इसमें पानी भर जाता है या सूज जाता हैं. एलॉपथी में इसका ऑपरेशन ही इलाज है. अन्डकोशों में भरा तरल पदार्थ साफ़ दिखाई दे जाता है. जब अंडकोष में अधिक पानी भर जाता है तो अंडकोष गुब्बारे की तरह फुला हुआ दिखाई देता है। हाइड्रोसील की चिकित्सा में पानी निकालने की आवश्यकता होती है,
अन्डकोशों में चोट लग जाने से या नसों में दबाव होने पर भी ये हो सकता है. गलत खान पान या कब्ज के कारण भी ये हो सकता है. कुछ लोगों में हाइड्रोसील की समस्या वंशानुगत या जन्मजात भी हो सकती है वैसे तो यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है
अन्डकोशों का फूलना (पानी भरना या सूजना) अन्डकोशों में दर्द. सूजन बढ़ने से रोगी को चलने फिरने में भी परेशानी हो सकती नसों का सूजना बिना लंगोट के जिम / कसरत करना भरी वजन उठाने
गर्म और ठन्डे पानी के सेंक करने से अंडकोष में वृद्धि सही होती है. रोगी को नित्य अनार का और संतरे का जूस पीना चाहिए. रोजाना बीस किशमिश खानी चाहिए. 5 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण और 10 ग्राम जीरे का चूर्ण बना कर गर्म पानी में इसकी पेस्ट बना लीजिये और रात को सोते समय इसको बढे हुए अंडकोष में लगायें. 4. आम के पत्ते 25 ग्राम, 10 ग्राम सेंध नमक, दोनों को अच्छे से पीसकर हल्का सा गर्म करके लेप करने से अण्डकोशों की वृद्धि ठीक हो जाती है. यदि बच्चे का अंडकोष बढ़ा हुआ हो तो अरहर की डाल भिगोकर उसी पानी में पीसकर हल्का गर्म करके लेप करें.
सर्जरी के जरिये: हाइड्रोसील खतरनाक नहीं होते पर फिर भी इसमें सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। अंडकोष में जमा पानी को निकाला जाता है। एस्पिरेशन करने के बाद छिद्र बन्द करने के लिए स्क्लिरोजिंग औषधि को इंजेक्ट करते हैं ऐसा करने से भविष्य में भी पानी जमा नहीं होता और हाइड्रोसील की शिकायत दोबारा होने की संभावना भी कम होती है। सर्जरी का खतरा नही उठाना चाहते उनके लिए यह अच्छा तरीका है